फिजाअों
में है तेरे इश्क का फसाना
फिर
गाता तू क्यूँ है तराना पुराना
ये
महफिल तुझे दाद देगी हमेशा
तू
है यार एैसा है तेरा जमाना
होती
रहती है दरवाजे पर मेरे दस्तक
हो
जरूरत तुझे तू भी खटखटाना
ये
दुनिया बड़ी है जालिम मगर
इससे
हमको क्या करना कराना
माना मोहब्बत है
दौलत बड़ी
दौलत का होता है
आना अौ' जाना
कसकती रहें तेरी
तन्हाइयाँ
चलता रहे ये
सुनना-सुनाना
मायूस
होने से क्या फायदा
चलते
से होगा मकामों का आना
रात
गहरी बहुत है अंधेरा घना
हवाअों
से जलती शमा है बचाना
राज़दारों
से राज छिपता नहीं
जिन्हें
सब पता है उन्हें क्या बताना
मुफिलसी मयखानों
में आती नहीं
चलता रहता वहाँ
है पीना-िपलाना
बैठे जाके वो दूसरे
के पहलू में
ठीक एैसा नहीं है
जलना-जलाना
राही है ये 'राम'
बे-मंजिलों
का
मेरा पता नहीं
तेरा क्या िठकाना
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