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14 मार्च, 2009

भूमंडलीकरण अौर स्त्री



आज मंत्रा फाउंडेशन द्वारा अायोजित एक संगोष्ठी में भूमंडलीकरण अौर स्त्री पुस्तक पर परिचर्च हुई। शोधाथर्थी एवं अध्यापक प्रवीण कुमार ने कहा कि बाजार ने स्त्रियों के लिये नये अौर महीन जाल बना लिये हैं,जिनमें वे आसानी से फँसती जा रही हैं।इस समय उन्हें सचेत रहने की जरूरत है। पुस्तक के लेखक कुमार भास्कर ने कहा कि यह पुस्तक मैने नये माहौल के बीच जूझती स्त्री को केंद्रित कर लिखा है।ीस किताब में उत्तर कम अौर सवाल ज्यादा हैं। परिचर्च ा में रवि रंजन ने अपने अनुभव का साझा करते हुए स्टार-न्यूज़ में अपने बिताये दिनों पर रोशनी डाली।य गोष्ठी कला संकाय (दिल्ली विश्वविद्यालय) में संपन्न हुई। इसमें राम प्रकाश द्विवेदी,सत्यप्रकाश सिंह,विनीत भार्गव,दीपिका,बबली,रोशन,विनय झा,आभिषेक,रोशन आदि अध्यापकों-छात्रों ने भाग लिया।कार्यक्रम का संचालन निरंजन ने किया।उक्त पुस्तक को संजय प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। मंत्रा फाउंडेशन युवा रचनाकारों की रचनाअों पर पैनी निगाह रखती है अौर समय-समय पर उनकी रचनाओं पर परिचर्च ा का आयोजन करती है।

13 जनवरी, 2009

जनसंचार पर पुस्तक


जनसंचार पर वैसे तो अनेक किताबें मिल जाती हैं,परंतु बलबीर कुन्दरा की पुस्तक "जनसंचार -बदलते परिप्रेक्ष्य में" छात्रोपयोगी दृष्टि से लिखा एक महत्त्वपू्र्ण ग्रंथ है। मीडिया अध्ययन के लगभग सभी क्षेत्रों को इसमें शामिल कर लिया गया है। तक्षशिला प्रकाशन की यह पुस्तक पेपरबैक संस्करण में १९०रु में उपलब्ध है। पुस्तक में विपुल सामग्री तो उपलब्ध है ही साथ ही इसकी प्रस्तुती भी बेहतर है। इन खूबियों के चलते यह पुस्तक पठनीय हो जाती है।