29 मई, 2008

मोहल्‍ले की भड़ास

आजकल ब्‍लाग पर मोहल्‍ला और भड़ास आपस में भिड़े हुए हैं। कुछ नकली और कुछ असली लड़ार्इ लगती है।मामला थाना कचहरी तक आ पहॅुंचा है। ब्‍लाग अभिव्‍यक्ति का एक वैकल्पिक माध्‍यम है। सामाजिक मसले तो समाज के मंच पर ही निपटाने पड़ेगें। अभिव्‍यक्तियॉं सहायक मात्र होती है।लेकिन अविनाश और यशवंत इसे ब्‍लाग पर ही सलटाना चाहते हैं। हुजूर आपसे बाहर भी एक दुनिया है। वह भी कुछ हैसियत रखती है। वह भी अपना निर्णय देगी। कहीं यह नूरा कुश्‍ती तो नहीं । ब्‍लाग पर भी टी आर पी जुगाड़ने की कोशिश मत कीजिए। ऐसी कोशिश अभिव्‍यि‍क्त के जनतंत्र का गला घोटेगी। नं0 1 बनना है तो मुख्‍यधारा में रहिए। यहॉं अंडा छीलने क्‍यों आ रहे हो। अपना अपना काम करों। असल लड़ाई भइये ब्‍लाग से न सुलझेगी।तो हो जाओ तैयार हकीकी दुनिया में आने को।

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