26 फ़रवरी, 2008

अंधेरे आकाश के नीचे

अंधेरे आकाश के नीचे
तारों के साथ
लंबी बात करना
तुम्‍हे अच्‍छा लगता है अभी भी
यह जानकर सुखद आश्‍चर्य होता है।
जब दुनिया में घिसावट
का दौर चल रहा हो
तब तुम्‍हारी संवेदना बनी रहे अक्षत
इसे मैं सौभाग्‍य ही कहॅूगा।
पर विश्‍वास रखो तुम
तुम्‍हारा कहा ही नहीं
अनकहा भी समझ लेता हॅू मैं।
वेदना स्‍वत: एक संवाद है।
तुम शांति से निकल कर शोर में
गुम हो जाती हो
मैने शेार में ही अपनी शांति पा ली है।
एक दिन जब हम शांत हो जाएंगे
नहीं होंगे शिकवे-शिकायत
पर शोर मचेगा चारेां ओर
शायद
और हम रहेंगे नि:शब्‍द
चिर मौन।

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