तक्षशिला के आचार्य आजकल शेयर मार्केट में बिजी हैं। कुछ शिष्य गण भी खरीद-फरोख्त के इसी धंधे में मशगूल हैं। सारा ज्ञान निवेश ज्ञान में परिवर्तित हो चुका है । पिछले दिनों जब लगभग 9000 करोड़ भारतीयों का लेकर एफ0आई0आई0 उड़ गए तो तक्षशिला में भी हडकंप मच गया । आप जाने-माने आचार्यों के सूखे हुए चेहरे को देखकर पहचान सकते हैं कि इन्होंने भी दुर्घटना झेली है। ये आचार्य’राग दरबारी’ के मास्टर मोतीराम की तरह अपनी कक्षाओं में कम शेयर के चढ़ते-उतरते भावों पर अधिक रहता है । इनमें मार्क्सवादी परंपरा के वे आचार्य भी शामिल हैं जो पॅूजी के विरोध में खड़े रहते हैं।
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